अमेरिकी सीनेटर ने सीनेट में एक विधेयक पेश कर उन देशों को क्वाड (QUAD) के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विचार विमर्श से दूर रखने का प्रस्ताव किया है, जो सीए एटीएस (CAATSA) के तहत अमेरिकी पाबंदियों का सामना कर रहे हैं. यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो भारत के लिए क्वाड देशों की बैठकों में भाग लेना मुश्किल हो जाएगा.
रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदी को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिकी पाबंदी विचाराधीन है. टेक्सास से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर टेड क्रूज ने सीनेट में उक्त विधेयक पेश किया है. इसमें राष्ट्रपति बाइडन से यह सत्यापित करने को कहा गया है कि वे यह पुष्टि करें कि क्वाड में ऐसा कोई देश शामिल नहीं है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत दंडात्मक कार्रवाई की गई है.
विधेयक को टेक्सास से रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज ने पेश किया है और इंडियाना से सीनेटर टाड यंग व कंसास से सीनेटर मार्शल रोजर इसके सह-प्रस्तावक हैं. यह विधेयक रूस से एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली खरीदने के लिए भारत के खिलाफ काटसा के दंडात्मक प्रविधान लगाने से राष्ट्रपति को हतोत्साहित करता है. यह विधेयक सीनेट में 28 अक्टूबर 2021 को पेश किया गया था, लेकिन इसका मसौदा 01 नवंबर 2021 को सार्वजनिक किया गया.
व्यावहारिक तौर पर देखें तो यह विधेयक राष्ट्रपति बाइडन को भारत के खिलाफ 'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) के दंडात्मक प्रावधानों को लागू करने से हतोत्साहित करेगा. क्योंकि यदि वे भारत के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाते हैं तो चार सशक्त देशों के संगठन क्वाड की उनकी रणनीति विफल हो जाएगी. क्वाड में भारत एकमात्र देश है, जिस पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियों का खतरा है.
मालूम हो कि क्वाड में अमेरिका के अलावा भारत, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं. राष्ट्रपति बाइडन ने 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में इसकी शिखर बैठक की मेजबानी की थी. यह बिल पेश किए जाने से एक दिन पहले ही दो प्रभावशाली सीनेटरों मार्क वार्नर और जान कार्निन ने बाइडन को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह अमेरिका के राष्ट्रीय हित में भारत के खिलाफ काटसा के प्रविधान लागू न करें.
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने 24 सितंबर 2021 को व्हाइट हाउस में क्वाड की पहली व्यक्तिगत शिखर बैठक की मेजबानी की थी. हालांकि इस विधेयक के अब तक सार्वजनिक हुए मसौदे में भारत का नाम नहीं है. बता दें कि रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह से अमेरिका ने नैटो के सदस्य देश तुर्की पर प्रतिबंध लगाए थे. ऐसे में, इस बात की आशंका जताई जाती रही है कि अमेरिका भारत पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगा सकता है.
'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) अमेरिकी राष्ट्रपति को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है, जो साल 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के बाद भी रूस से प्रमुख रक्षा हथियार खरीदते हैं.
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