चीन से तनाव के बीच भारत ने किया लांग रेंज बम का सफल परीक्षभारत ने शुक्रवार को एक हवाई प्लेटफार्म से स्वदेशी रूप से विकसित लांग रेंज बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।ण, अचूक है निशाना,
जानें इसकी खूबियां
डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना की टीम ने शुक्रवार को एक हवाई प्लेटफार्म से स्वदेशी रूप से विकसित लांग रेंज बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस लांग रेंज बम ने सटीकता के साथ लंबी दूरी तय करते हुए जमीन पर मौजूद लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया।
भारत ने शुक्रवार को एक हवाई प्लेटफार्म से स्वदेशी रूप से विकसित लांग रेंज बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
लावा पांडे, बालेश्वर। भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप पर पूर्णत: स्वदेशी तकनीक से बनाए गए लांग रेंज बम का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस बम का भारतीय वायु सेना ने एरियल प्लेटफार्म के जरिये टेस्ट किया। परीक्षण के दौरान इस बम को एक फाइटर एयरक्राफ्ट से गिराया गया। इसके साथ ही इसे जमीन में लंबी दूरी पर आधारित टारगेट तक गाइड कर निशाने तक पहुंचाया गया। डीआरडीओ के मुताबिक, इस बम का निशाना अचूक है।
लांग रेंज बम को स्मार्ट बम भी कहा जाता है। क्योंकि गिराने के बाद भी इस बम की दिशा और गति को बदला जा सकता है। इस कारण दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में ये अचूक और खतरनाक साबित होते हैं। ये बम सीधे गिरने के बजाय लहराते हुए गिरते हैं और टारगेट को नष्ट कर देते हैं।
इस परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ व वायुसेना को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह हथियार भारतीय सशस्त्र बल को और मजबूती प्रदान करेगा। वहीं, डीआरडीओ के अध्यक्ष डा. जी सतीश रेड्डी ने अपने संदेश में कहा कि एलआर बम इस वर्ग के हथियार प्रणाली के स्वदेशी विकास में मील का पत्थर हैं। परीक्षण के समय इलेक्ट्रो आप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम तथा एलिमेंट्री एंड रडार से चांदीपुर से निगरानी की गई।
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